20090130

50 हजार में स्विट्जरलैंड की सैर

स्विट्जरलैंड भारतीयों के लिए सबसे पसंदीदा स्थान रहा है। कई लोग इस हकीकत में इस पसंद का ढाल लेते हैं तो कई लोग बॉलीवुड की फिल्मों में स्विट्जरलैंड को देख-देखकर आंहें भरते रहते हैं। लेकिन वो खूबसूरती ऐसी है जिसकी तरफ से नजरें फेरी नहीं जा सकती। इसी स्विट्जरलैंड को सस्ते में भी घूमा जा सकता है। स्विस टूर्स महज पचास हजार रुपये प्रति व्यक्ति में स्विट्जरलैंड की पांच दिन की सैर करा रहे हैं। इसमें दिल्ली से ज्यूरिख तक का वापसी किराया भी शामिल है। ठहरना, खाना, घूमना भी इसी किराये में शामिल है। नहीं शामिल है तो केवल वीजा फीस। स्विट्जरलैंड जाने वालों के लिए एक और भी सुविधा है, वहां ठहरने के लिए कई अपार्टमेंट भी किराये पर लिए जा सकते हैं। ये अपार्टमेंट दो हजार रुपये प्रति रात्रि से भी कम दरों पर उपलब्ध हैं। ऐसे ढाई हजार से ज्यादा अपार्टमेंट ऑनलाइन पसंद और बुक कराए जा सकते हैं। स्विट्जरलैंड में सैलानियों के लिए कई और भी सहूलियतें हैं, जैसे कि स्विस पास। स्विस ट्रैवल सिस्टम द्वारा दिए जाने वाले इन पास का मूल्य दिन के हिसाब से होता है लेकिन जितने दिन के लिए पास खरीदे जाएं, उतने दिन तक आप ट्रेन, बस, नाव, यानि हर तरह के सार्वजनिक परिवहन तंत्र में मनचाही बार आ-जा सकते हैं। साथ में अगर कोई एक भी वयस्क अभिभावक हो तो इस पास में 16 साल से कम उम्र के बच्चे मुफ्त सारे सफर कर सकते हैं। यह पास कई अन्य रियायतें भी उपलब्ध कराता है।
भारतीय सैलानी स्विट्जरलैंड आने वाले विदेशी सैलानियों में टॉप टेन में शामिल हैं। अब तो स्विट्जरलैंड 25 देशों के बीच शेनजेन करार का हिस्सा है, इसलिए वहां के लिए अलग से वीजा लेने के लिए जरूरत नहीं है। भारतीय सैलानियों द्वारा स्विट्जरलैंड में बिताई जाने वाली रातों में 2006 के मुकाबले 2007 में 16 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई है। भारतीयों के इस प्रेम को स्विट्जरलैंड के लोग भी महसूस कर रहे हैं। वहां के तमाम लोकप्रिय पर्यटन स्थल अब भारतीय रेस्तरां खोल रहे हैं, भारतीय शेफ रख रहे हैं और भारतीयों के लिए खास पैकेज पेश कर रहे हैं। स्विट्जरलैंड अब पर्यावरण के लिहाज से संतुलित पर्यटन की धारणा को बढावा दे रहा है और अपने यहां उस पर अमल भी कर रहा है। हाल ही में वहां दस नए नेचर पार्क खोले गए हैं। स्विट्जरलैंड की कल्पना हम करें तो बर्फ से लदी चोटियां, स्कीइंग, पहाडों पर चलने वाली ट्रेनें, हरी-भरी वादियां, कैसल जेहन में आते हैं।

20090106

अब सीसीडी का "कप ऑफ गुड होप"

'कैफे कॉफी डे भारत में कॉफी शॉप की विशालतम श्रृंखला है। 107 शहरों में 7 सौ से अधिक कैफे के माध्यम से लाखों युवाओं के संपर्क में आने वाले सीसीडी ने कप ऑफ गुड होप के नाम से नया प्रयास प्रारंभ किया है। कप ऑफ गुड होप-सीसीडी आपको आमंत्रित करता है कि आप आकर बेहतर कल और बेहतर भारत के लिए अपने सुझाव दें। यह प्रयास 10 जनवरी तक चलेगा। सीसीडी आपके द्वारा दिए गए विचारों सुझावों को एकत्रित कर देश के नेताओं तक पहुंचाएगा जिससे वांछित बदलाव लाया जा सके।

हाल में हुई आतंकी घटनाओं ने यह अच्छी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि बदलाव अत्यावश्यक है और इसके लिए हम बैठकर इंतजार नहीं कर सकते हैं। हमें निर्णय लेने व्यक्तियों पर दबाव डालना होगा कि वे भी समय की नजाकत को समझते हुए समय के साथ बदले। कैफे कॉफी डे की प्रेसीडेंट मार्केटिंग विदिशा नागराज ने कहा कि देशवासियों की मनोदशा से यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि बदलाव की तत्काल आवश्यकता है। हमारा यह मानना है कि भविष्य युवाओं के हाथों में है सर्वश्रेष्ठ विचार भी वहीं से आते हैं। हमें इस बात की खुशी है कि इस प्रक्रिया में हम एक सकारात्मक योगदान दे रहे हैं, समस्याऐं खड़ी करने के बजाय समाधान प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि हमारे ग्राहक अपने विचारों को प्रस्तुत करने के इस अवसर का लाभ उठाएं और होने वाले इस अनिवार्य बदलाव का अंग बनें।