20090624

पर्यटन उद्योग पर पाक कूटनीति का एक और हमला

राजस्थान और हिमाचल प्रदेश का पर्यटन निशाने पर
-राहुल सेन
जयपुर। विश्वव्यापी मंदी और मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले की भी मार से जूझ रहे भारतीय पर्यटन उद्योग पर अब पाकिस्तानी कूटनीति का एक और हमला होने जा रहा है, खासकर राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के पर्यटन को निशाने पर रखते हुए किया गया है।
पाकिस्तान ने ठीक पर्यटन सीजन से पहले यह प्रचारित करना शुरू किया है कि तालीबान अब भारत के पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्रों में अपने अपने ठिकाने बनाने की तैयारी कर रहा है। पर्यटन उद्योग को पीटने के लिए इससे पहले दिसंबर 2008 में मुंबई के पर्यटकों से भरे ताज होटल पर आतंकवादी हमला हो चुका है, जिसका असर अभी तक उद्योग पर है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी ने 'फाइनेशियल टाइम्स' को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि तालीबान के खिलाफ सैन्य अभियान पूरा करने के बाद उसे फाटा और स्वात घाटी में पुर्ननिर्माण के लिए और अधिक धन चाहिए। अगर आतंकवाद के खिलाफ उसे आर्थिक मदद नही मिली तो तालबान भारत और फारस तक फैल सकता है। भारत में इसके ठिकाने उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्र होंगे।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन और तालीबान के आतंक को खत्म करने के नाम पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय और विशेषकर अमरीका से भारी मात्रा में आर्थिक मदद प्राप्त कर चुका है। वह यह भी जान चुका है कि जब तक ओसामा नहीं मारा जाता तब तक यह वसूली जारी रखी जा सकती है। तालीबान या ओसाम के अंत के साथ ही यह आर्थिक मदद बंद हो जाएगी।
फिलहाल अमरीका से तालीबान से निपटने के लिए जमकर आर्थिक मदद वसूल रहे पाकिस्तान ने भारत में तालीबान के फैलने का डर दिखाकर कहा है कि आतंकवाद से निबटने के उसे अभी 119 अरब रुपए की जरूरत और है। इससे पाकिस्तान के कूटनितिज्ञों ने एक तीर से दो शिकार करने की कोशिश की है। एक तरफ उन्हें अंतरराष्ट्रीय समूदाय से और अधिक मदद मिल जाएगी साथ ही वे भारत के पर्यटन उद्योग को नुक्सान पहुंचा कर हिस्दुस्तान को आर्थिक नुक्सान पहुंचाया जा सकेगा जो काम अब तक भारत में केवल जाली नोट पहुंचा कर ही किया जाता रहा है।
सब जानते हैं कि भारतीय पर्यटन उद्योग मंदी के दौर से गुजर रहा है। पर्यटन उद्योग पर दिसंबर 2008 में मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले की भी मार के बाद पर्यटन उद्योग पर इसका काफी बुरा असर पड़ा। दरअसल पिछले साल अक्टूबर से इस साल मार्च के बीच विदेशी पर्यटकों से होने वाली कमाई में 4।4 फीसदी की कमी आई।

20090602

पर्यटकों से आबाद हुआ कुल्लू

कुल्लू। देशी-विदेशी पर्यटकों की पसंदीदा नगरी मनाली इन दिनों फुल चल रही है। हिमाचल की इस पर्यटक नगरी के पास और पर्यटकों को खपाने की जगह अब अगले कुछ दिनों तक नहीं बची है। हालत यह है कि मनाली के लगभग सभी होटल भरे हुए हैं। पर्यटन निगम के होटलों में 15 जून तक कोई कमरा खाली नहीं है।
आन लाइन बुकिंग कर रहे पर्यटकों को इंटरनेट में भी होटल न मिल पाने के कारण अपना कार्यक्रम स्थगित करना पड़ रहा है। जो पर्यटक बिना बुकिंग करवाए आ रहे हैं वह मंदिरों के सराय व गुरुद्वारों में रातें काट रहे हैं।
यहीं नहीं इस बार कुल्लू व मनाली के बीच रास्ते में पड़ने वाले होटल भी पैक हैं। स्थानीय होटल व्यावसायियों का कहना है कि इस बार मई के शुरूआती दौर में ही पर्यटकों ने कुल्लू-मनाली का रुख कर लिया है। निचले इलाकों में बढ़ी गर्मी के बाद से पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है।
सुबह से देर रात तक मनाली माल रोड में पर्यटकों का तांता लगा रहता है। वहीं दुकानें भी देर रात तक खुली रहती हैं।