20081122

अभी महंगी है यात्रा


ट्रेवल एजेंसियों की पौ-बारह
चुनाव सीजन और शादी- सावों की मारामारी ने इन दिनों राजस्थान में ट्रैवल एजेंसियों की पौ-बारह है। टूरिस्ट के लिए वाजिब किराये पर वहां जुटाना मुश्किल हो रहा है।

चुनाव प्रचार के लिए गाड़ियों की बुकिंग के कारण जहां ट्रेवल एजेंसी संचालक दोगुनी राशि वसूल रहे हैं, वहीं इस मारामारी के कारण शादियों में कार-जीप अथवा लग्जरी गाड़ियों की बुकिंग कराना भी कठिन हो गया है। हालत यह है कि प्रदेश की अधिकांश ट्रैवल एजेंसियों की गाड़िया चुनाव प्रचार के लिए बुक की जा चुकी हैं। मांग ज्यादा होने के कारण बुकिंग की राशि में 50 फीसदी तक का इजाफा किया जा चुका है। इसके बावजूद अब गाड़ियां ढूंढे से नहीं मिल रही है और इसका खामियाजा शादी की तैयारियों में जुटे लोगों के साथ पर्यटकों को भी भुगतान पड़ रहा है। चुनाव और शादी का सीजन के साथ-साथ होने के कारण गाड़ियों की बुकिंग का टोटा पड़ गया है। ये स्थिति तकरीबन सभी स्थानों पर है कि शादियों के लिए गाड़ियां उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मजबूरी में दोगुने दामों में गाड़ियां लेनी पड़ रही हैं, वो भी खासी मान-मनोव्वल के बाद।

मजेदार बात यह है कि राजस्थान के शहरी क्षेत्र में शादी के सीजन में लग्जरी, गाड़ियों में स्कॉर्पियो, पजेरो, इनोवा और बोलेरो की मांग ज्यादा रहती है और यहीं गाड़ियां इन दिनों चुनाव प्रचार में सर्वाधिक पसंद की जा रही है। ऐसे में ज्यादा किराए के चक्कर में एजेंसी संचालक शादी-ब्याह पर चुनावी मुहिम को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। एक ट्रैवल एजेंसी संचालक का इस संबंध में कहना है कि चुनाव के दौरान रिस्क तो है लेकिन पैसा भी लगभग दोगुना मिलता है। ऐसे में शादियों या टूरिस्ट के लिए बुकिंग करने के लिए गाड़िया हैं ही नहीं। 4 दिसंबर तक गाड़ियां बुक हैं। ऐसे में गाड़ियां मिलना टेढ़ी खीर हो गया है और मिल रही हैं तो किराया दोगुना चुकाना पड़ रहा है। लगभग यह स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों की है।

मूमल विचार: यही बेहतर होगा की चार दिसम्बर तक पर्यटन का कार्यक्रम स्थगित रखें। अगर होटल आदि की शेष बुकिंग हो चुकी है तो सरकारी साधनों का उपयोग करें। इसमें राजस्थान पर्यटन निगम की टूरिस्ट बस या प्रमुख पर्यटक स्थलों तक पहुँचने वाली सी.टी.एस. बस सेवा से काम चलाया जाए।

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