20100412

श्री बहादुर सिंह राजावत की यायावरी


पर्यटन की दुनियां में बहुत कम वक्त में फर्श से अर्श तक की ऊंचाईयां पाने वाले श्री बहादुर सिंह राजावत का जन्म निवाई तहसील के मंूडिया गांव में 16 सितम्बर 1960 को हुआ। जयपुर से 7 कि.मी. दूर इस गांव के ठेठ देहाती परिवेश में पले-बढ़े राजावत के शालीन व्यक्तित्व और विनम्रता से उठने वाली माटी की महक आज जर्मनी परफ्यूम पर पूरी तरह छाई हुई है। इनकी सादगी देखकर सामान्य आदमी के लिए यह कल्पना कठिन होती है कि 2007 में जर्मनी के रोबिनबर्ग नगर में नागरिकों की मांग पर जर्मन सरकार ने इन्हें 21 तोपों की सलामी के साथ 'बेस्ट सिटीजन अवार्ड' से सम्मानित किया। सन् 2009 में जर्मन टी.वी. ने राजावत के सम्मान में 51 मिनट की डॉक्यूमेन्ट्री फिल्म 'कैमल वाला मिलिमोनर' बनाई।

आरम्भिक शिक्षा गांव में व उच्च शिक्षा जयपुर व जर्मनी में हुई। स्कूल समय में ही माता-पिता का देहान्त हो जाने के कारण जीवन में कई मोर्चों पर कठिन संघर्ष करना पड़ा। शिक्षा-दीक्षा के दौरान 1970-71 में वह अपने बड़े भाई के साथ महारानी गायत्री देवी के सम्पर्क में आए,उनकी प्रेरणा से पहले बड़े भाई श्री दौलत सिंह राजावत जी ने पर्यटन की राह अपनाई और राजस्थान विश्वविद्यालय में जर्मनी भाषा कोर्स के पहले छात्र बने। भाई का अनुकरण करते हुए बहादुरसिंह जी ने पर्यटन को ही अपने जीवन का ध्येय बना लिया। जर्मनी से एम।ए. करने के बाद स्वदेश लौटे राजावत ने अलग-अलग कम्पनियों के टूरकास्ट के रूप में करीब 10 वर्ष तक कार्य किया। 19 फरवरी 1988 के दिन अजमेर जिले के राळावता ठिकाने की कन्या किरण से विवाह बंधन में बंधे।

भारत के अलावा 40 देशों की यात्रा कर चुके राजावत वल्र्ड दूर के दौरान दुनियां के सभी प्रमुख मोन्यूमेन्टस से रूबरू हो चुके हैं। इस दौरान इन्होंने पर्यटकों से बातचीत कर उनके व्यवहार और देहिक भाषा का गहन अध्ययन किया, जो पर्यटन के किताबी ज्ञान से सर्वथा भिन्न रहा। इसी दौरान जर्मन भाषा में जैसलमेर पर पुस्तक लिखी, जो पर्यटकों के लिए विदेशी भाषा में लिखी हुई पहली पुस्तक थी। इसके बाद दूसरी पुस्तक पुष्कर पर लिखी। व्यवसायिक परिपक्वता के बाद स्वयं की पर्यटन कम्पनी फोर्टस एण्ड पैलेसेज की स्थापना की। आज इस कंपनी को जर्मनी के पर्यटकों द्वारा विशेष रूप से पसन्द किया जाता है। राजस्थान सरकार द्वारा 1994 में बेस्ट गाइड अवार्ड से नवाजे गए। उनके द्वारा प्रकाशित 'फोर्ट एण्ड पैलेसेज' तथा जर्मन भाषा में लिखी 'इन्क्रेडिबल होली इण्डिया' को खासा पसन्द किया जाता है। इन्क्रेडिबल होली.... फ्रेंकफर्ट जर्मनी के बुक फेयर में बेस्ट सेलर बुक घोषित हो चुकी है। और अब मूमल से जुड़ कर इसे बेस्ट ब्लॉग बनाने में जुटे हैं।

राजावत जी आज देश-विदेश की अंग्रेजी व जर्मनी में खासतौर पर इण्डिया पर लिखी गई गाईड बुक्स की एडिटिंग के लिए प्रबुद्ध वर्ग में अपनी अलग पहचान रखते हैं। युवाओं के लिए उनका यही संदेश है कि अपना समय बर्बाद न करके खुद का भला करें तो समाज, देश व पर्यटन का अपने आप भला हो जाएगा।

1 टिप्पणी:

Gyan Darpan ने कहा…

अच्छा लगा राजावत जी से यहाँ मिलकर |