20081221

गाइड आन साईकिल विथ बैग

साइकिल पर विदेशी टूरिस्टों को चंडीगढ़ घुमाने का शौक अब तेहत्तर वर्षीय नरेद्र सिंह इटरनेशनल की देशभक्ति का सबूत बन चुका है। गाइड नरेन्द्र , अब तक सौ से ज्यादा विदेशी टूरिस्टों जिनमें ज्यादातर युवतिया और महिलाएं शामिल है को लूट-खसूट,छेड़खानी और बुरे बर्ताव से बचा चुके है। नरेन्द्र कहते है -बाहर से आए लोगों को सही रास्ता दिखाना देशभक्ति से कम नहीं है। मेरा काम यही है कि विदेशी, भारत के बारे में अच्छी इमेज बनाएं।
वाकई,लूट खसूट करने वाले टिपीकल बिजनेस बेस्ट हिदुस्तानी गाइड की इमेज में फिट नहीं बैठने वाले नरेन्द्र सिंह अपने इस मिशन को 1959 से तहे-दिल और भरसक कोशिशों से जिंदा रखे हुए हैं।
वे विदेशी टूरिस्टों को ठिकाने के लिए सबसे सस्ती धर्मशालाओं,पंचायत भवन, मंदिर और गुरुद्वारों में ले जाते है ताकि वे बाजार की गैर जरूरी लूट से बच सकें। नरेन्द्र वह किस्सा नहीं भूलते जब एक रात उन्होंने इंटर स्टेट बस टर्मिनल के नजदीक इटली की एक टूरिस्ट को बचाया था। वे कहते है कि उसे रिक्शा वालों से बचाने का वाकिया मुझे हमेशा याद रहेगा, क्योंकि हमलावरों के पास चाकू भी था। इटालियन युवती ब्राडनी बरनाडिनी को बचाने पर पंजाब सरकार ने सिंह को सर्टीफिकेट भी दिया।
पंजाब के चीफ मिनीस्टर प्रताप सिंह कैरों के स्टाफ में काम करते हुए 1959 में नरेन्द्र एक विदेशी टूरिस्ट पीस कार्वोलेंटियर को यूं ही शहर घुमाने निकल पड़े थे और यहीं से ये शुरूआत हो गई।
पंजाब सरकार में अपर सचिव पद से रिटायर हुए सिंह के परिवार में उनकी पत्‍‌नी सुरजीत कौर व शादीशुदा बेटा-बहू है। विदेशी टूरिस्टों के लिए सेवा-भाव से घर वालों को पहले पहल काफी दिक्कतें हुई लेकिन अब यह सब जिंदगी का हिस्सा हो चुके है। अब तक एक लाख विदेशी टूरिस्टों को सिटीब्युटीफुल की सैर करा चुके नरेन्द्र यह बताना नहीं भूलते कि मैं 1972 में जिस ब्रिटिश महिला का मैं गाइड था वह मार्गेट थैचर थीं, जो बाद में लगातार तीन बार ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बनीं।

हर एक से मिलने वाले नरेन्द्र सिंह इटरनेशनल हर समय काधे पर या साइकिल पर थैला लटकाए रहते हैं, इसमें टूरिस्ट गाइड बुक और उनकी यादों को हर पल तरोताजा रखने वाली डायरी रहती है। इस डायरी में सैकड़ों विजिटिग कार्ड है जिनके पीछे विदेशी पर्यटक भारतीयों के प्रति शुक्रिया लिख गए हैं। पेंशन पर गुजर बसर कर रहे सिंह की - द टूरिस्ट फ्रेंड वेलकम- के बतौर की पहल अब किसी मिशन से कम नहीं है, वे टूरिस्टों से भी कोई चार्जेस नहीं लेते। उनके पास इग्लैंड, अमेरिका, पेरिस, जर्मनी और आस्ट्रेलिया, स्पेन, इटली के सैकड़ों पते और पत्र हैं।
सिंह का कहना है कि हर विदेशी पर्यटक अमीर नहीं होता है इनमें विदेशी ग्रामीण अंचल से भी बड़ी तादाद में पर्यटक आते हैं उन्हे उनकी जेब के मुताबिक ठिकाने और खाने की राह बताई जाए यह हम सब का फर्ज है। क्योंकि वे हमारे देश में मेहमान है, आपराधिक तत्वों से उनकी हिफाजत करना हर भारतीय का दायित्व है।

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