20171027

Jaipur Kala Choupal, जयपुर कला चौपाल

'जयपुर कला चौपाल' की पृष्टभूमि व संतुलित खुलासा।
कला आयोजनों में भाग लेने से पूर्व अगर यह जान लिया जाए कि आयोजकों की असल मंशा क्या है, तो अच्छा रहता है। कलाकारों के लिए आयोजन और आयोजक की पृष्ठभूमि जानना भी जरूरी है। इसलिए पेश है 'जयपुर कला चौपाल' का संतुलित खुलासा।
शुद्ध व्यावसायिक गतिविधि 
जयपुर में चल रहा आयोजन 'कला चौपाल' शुद्ध व्यावसायिक गतिविधि है। इस आयोजन के लिए रजिस्ट्रार ऑफ  कम्पनीज जयपुर के पास 31 मार्च 2017 को पार्टनरशिप फर्म का रजिस्ट्रेशन एक लाख रुपए की ओब्लिगेशन कन्टरीब्यूशन राशि से करवाया गया। इस फर्म के चार पार्टनर हैं- ज्योतिका राम प्रताप सिंह एवं राम प्रताप सिंह के सुपुत्र राघव प्रताप सिंह, रूद्र प्रताप सिंह, आर्टिस्ट प्रेमिला सिंह एवं ग्राफ्रिक डिजाईनर तथा सर्व शिक्षा व पल्स पोलियो अभियान से जुड़ी  लीनिका बेरी जैकब। इस फर्म का रजिस्टर्ड आफिस बी-5, नन्द प्लाजा, गीजगढ़ हाउस, हवा सड़क, जयपुर में है।
इसी एडरेस पर एक और कम्पनी 14 सितम्बर 2016 को गठित हुई थी। सीमित दायित्व वाली इस कम्पनी को भी एक लाख रुपए की पूंजी से आरम्भ किया गया। कम्पनी के दो डायरेक्टर हैं- राघव प्रताप सिंह तथा रूद्र प्रताप सिंह।
संचालन के लिए चार पार्टनर्स
विशुद्ध व्यावसायिक स्तर पर आयोजित किये गए इस कार्यक्रम के संचालन के लिए चार पार्टनर्स की एक कम्पनी गठित की गई है। व्यावसायिक लाभ के लिए कला व पर्यटन को आपस में जोड़ा गया है। देसी-विदेसी पर्यटकों को इस कार्यक्रम को देखने के लिए न्यौता दिया जा रहा है जिसमें पर्यटकों के लिये उनके अपने खर्चे पर होटल्स में ठहराने की व्यवस्था का प्रस्ताव भी शामिल है।

टिकट लगभग 3500 रुपये
इसके साथ ही रेजीडेंसी प्रोगाम की समाप्ति पर कला प्रदर्शनी के उद्घाटन व समापन अवसर पर डिग्गी पैलेस में आयोजित होने वाली सेरेमनीज के लिए टिकट बुक की जा रही है। यह टिकट लगभग 3500 रुपये प्रति व्यक्ति है जिसमें म्यूजिकल नाईट के आनन्द के साथ ड्रिंक और डिनर परोसा जाएगा।
कला चौपाल के आयोजनों में सहयोगयों के रूप में कला का व्यवसाय करने वाली 8 एक्स्पोर्ट कम्पनियां जुड़ी हुई हैं। इनमें जयपुर रग्स, ओजस, कागजी, आयाम, नीरजा पोटरी, स्टूडियो सुकृति, स्टाईल स्कूल व पूनम भगत का ताइका शामिल है।
खामोश सी शुरुआत
20 अक्टूबर 20017 को आरम्भ हुए रेजीडेंसी आयोजन 'कला चौपाल' की खामोश सी शुरुआत के बाद अब तक सन्नाटा पसरा है। आयोजनों की श्रृंखला में सबसे लम्बी अवधि तक चलने वाला इस कार्यक्रम में आम दर्शकों के लिए है भी नहीं। इसका कारण इसकी अवधि का लम्बा होना तो है साथ ही ऊंची टिकट दर भी है। इसके साथ ही रेजीडेंसी के दौरान तैयार कृतियों का प्रदर्शन जेकेके में किए जाने की घोषणा भी एक अहम कारण है। कला प्रेमी इस प्रदर्शनी को देखने के लिए प्रतीक्षारत हैं।
आयोजकों का कहना है कि....
आयोजकों के अनुसार इसमें 15 राष्ट्रों के लगभग 50 आर्टिस्ट शामिल हुए हैं। 'अवर बॉडी एण्ड अवर हैण्डस इन वॉटर' थीम पर आधारित इस कार्यक्रम के बारे में आयोजकों का कहना है कि 'यह कार्यक्रम विभिन्न देशों के स्थापित और उभरते कलाकारों को भारत की कलाओं और कलाकारों की आत्मा का दर्शन करने के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा। इसके साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों की कलात्मक अभिव्यक्ति की समकालीन शैलियों पर समझ बढ़ाने के लिए, एक वैश्विक कलात्मक समुदाय के साथ बातचीत करने के लिए भारतीय कलाकारों को एक बहुत ही अच्छा मौका मिलेगा।'
विशेष...
सभी आयोजनों के बारे मेें विस्तार से जानकारी देने के लिए मूमल ने विशेष व्यवस्था की है। इसे जानने के लिए मूमल के वेब पोर्टल www.moomalartnews.com पर पधारें। वहां दायीं ओर एक विन्डों में सभी आयोजनों के लिंक उपलब्ध हैं। इन्हें क्लिक करने पर जानकारियों से भरपूर मूमल की बेबाक समीक्षा पढऩे के साथ आयोजन की वेब साइट और अन्य लिंक तक पहुंचने की सुविधा भी मिलेगी।

1 टिप्पणी:

bhartiyas ने कहा…

खुला खुलासा